क़ुरआन में बर्बाद होने वाले क़ौम और बस्तियों का ज़िक्र– (एक नसीहत)
📖 "और हमने उनसे पहले कितनी ही बस्तियाँ हलाक कर दीं, जब उन्होंने ज़ुल्म किया।"(सूरह अल-क़सस 28:59)
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🌊 1. क़ौमे नूह (अलैहिस्सलाम) – गुनाहों की हद और फिर तुफ़ान
गुनाह: शिर्क, रसूल का मज़ाक, कुफ्र
अज़ाब: तुफ़ान ने सबको डुबो दिया
क़ुरआनी दलील:
"तो हमने उनको और जो उनके साथ कश्ती में थे, निजात दी और बाक़ियों को डुबो दिया।"🧭 नसीहत: जब हिदायत को ठुकरा दिया जाता है और गुनाहों पर अड़ जाया जाता है, तो अल्लाह का अज़ाब ज़रूर आता है।
(सूरह युनुस 10:73)
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🌬 2. क़ौमे आद (हज़रत हूद अलैहिस्सलाम की क़ौम) – ताक़त का घमंड और सख़्त आंधी
गुनाह: घमंड, शिर्क, हज़रत हूद की नाफ़रमानी
अज़ाब: सख़्त हवा के झोंकों ने बर्बाद कर दिया
दलील:
दलील:
"तो हमने उन पर सख़्त आंधी भेजी, कुछ मनहूस दिनों में..."🧭 नसीहत: ताक़त और तरक्की, जब अल्लाह से दूर कर दे, तो वही चीज़ बर्बादी का कारण बनती है।
(सूरह फ़ुसीलात 41:16)
⛰ 3. क़ौमे समूद (हज़रत सालेह अलैहिस्सलाम की क़ौम) – अल्लाह की निशानी का मज़ाक और ज़लज़ला
गुनाह: नाप-तौल में धोखा, ऊँटनी का कत्ल
अज़ाब: ज़लज़ला और चीख
दलील:
"तो उन्हें ज़लज़ले ने आ लिया, और वो अपने घरों में औंधे पड़े रह गए।"🧭 नसीहत: जब इंसान अल्लाह की निशानियों को झुठलाता है, तो वो अपने अंजाम को बुलाता है।
(सूरह अअराफ़ 7:78)
🏳 4. क़ौमे लूत (हज़रत लूत अलैहिस्सलाम की क़ौम) – बेहयाई की हद और उलटी ज़मीन
गुनाह: समलैंगिकता, फितरत की मुख़ालिफ़त
अज़ाब: ज़मीन पलट दी गई और पत्थरों की बारिश
दलील:
"तो जब हमारा हुक्म आ गया, हमने उस बस्ती को पलट दिया और उस पर पकी हुई मिट्टी के पत्थर बरसाए।"🧭 नसीहत: बेहयाई और ग़ैर-फितरी अमल एक क़ौम की जड़ें हिला देते हैं।
(सूरह हूद 11:82)
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🌊 5. फ़िरऔन और उसकी क़ौम – घमंड का अंजाम
गुनाह: तकब्बुर, ज़ुल्म, रसूल की मुख़ालिफ़त
अज़ाब: समुंदर में डूबे
दलील:
"तो हमने उन्हें और उनके लश्कर को पकड़ लिया और समुंदर में फेंक दिया।"🧭 नसीहत: जब ताक़त रसूल की मुख़ालिफ़त में लगे, तो अल्लाह उसे मिटा देता है।
(सूरह अल-क़सस 28:40)
🌫 6. क़ौमे मदीयन (हज़रत शुऐब अलैहिस्सलाम की क़ौम) – धोखाधड़ी और बादल से अज़ाब
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Gumrahi ka khaufnak anjam |
गुनाह: तिजारत में धोखा, नाफ़रमानी
अज़ाब: साये वाला बादल, फिर आग
दलील:
"फिर उन्हें साये वाले बादल का अज़ाब आ घेरा..."🧭 नसीहत: इंसाफ़ और अमानतदारी को जब रौंदा जाता है, तो अल्लाह का अज़ाब आता है।
(सूरह अश-शुअरा 26:189)
🐘 7. असहाबुल फ़ील (हाथी वालों का क़िस्सा - अब्राहा की फ़ौज)
गुनाह: काबा को ढहाने की कोशिशदलील:
अज़ाब: अबाबील परिंदों के ज़रिए पत्थरों की बारिश
"क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे रब ने हाथियों वालों के साथ क्या किया?"🧭 नसीहत: अल्लाह के घर और दीन पर हमला करने वालों का अंजाम हमेशा तबाही है।
(सूरह अल-फ़ील 105:1-5)
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सबक:
📚 "बेशक इसमें अक़्ल वालों के लिए बड़ी नसीहत है।"(अल क़ुरआन)
🔚 आख़िरी सबक़
आप ने Qur'an me Barbad hone wale Qaum aur Bastiyon ka Zikr पढ़ा की वो क्यूँ और किस तरह बर्बाद किए गए तो अब हमे इससे सबक़ लेने की आवश्यकता है।
क़ुरआन हमें सिर्फ़ नमाज़ और रोज़े की तालीम नहीं देता, बल्कि ये हमें दुनिया की हक़ीक़त और बर्बादी की असल वजहें भी बताता है। जब इंसानियत हदें पार करती है, अल्लाह की हिदायत को ठुकराती है, और ज़ुल्म को अपना तरीका बना लेती है — तब बस्तियाँ उजड़ती हैं।सबक:
अल्लाह के रसूलों की नाफ़रमानी अज़ाब को दावत देती है।📌 आज का इंसान अगर इन क़ौमों से सबक़ न ले, तो वो भी वही रास्ता पकड़ रहा है जो उन्हें बर्बादी की तरफ़ ले गया।
ताक़त, दौलत, हुकूमत सब अल्लाह के सामने बेकार हैं।
बेहयाई, धोखाधड़ी, घमंड, और शिर्क इंसान को हलाक कर देता है।
हमें इन क़ौमों से सबक लेकर तौबा करनी चाहिए और अल्लाह की राह अपनानी चाहिए।
📚 "बेशक इसमें अक़्ल वालों के लिए बड़ी नसीहत है।"(अल क़ुरआन)
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